सीएम हाउस पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट, मामले में धोखाधड़ी की FIR हुई दर्ज, 30 कर्मचारियों को भेजा गया नोटिस
NBT24
खबर भोपाल से.......................
भोपाल - भोपाल में शुक्रवार देर रात क्राइम ब्रांच ने मुख्यमंत्री निवास पर पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट मामले में घोखाधड़ी की FIR दर्ज कर ली है। इस मामले में एक बात सामने आई कि यह अनुशंसा पत्र न तो किसी विभाग और न ही मंत्री की तरफ से मुख्यमंत्री निवास पर भेजे गए, बल्कि यह सीधे जन प्रतिनिधियों के नाम पर मुख्यमंत्री निवास भेज दिए गए। अब क्राइम ब्रांच में प्रपोजल में ट्रांसफर के लिए भेजे गए सभी 30 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया गया हैं। इसमें उसने भोपाल में क्राइम ब्रांच आकर बताना होगा कि उनका नाम प्रपोज कैसे हुआ। इनके लिखित बयान लेने के बाद ही क्राइम ब्रांच आगे की जांच शुरू करेगी। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में लगातार नेताओं, मंत्रियों के नाम से फर्जीवाड़े करने के चौंकाने वाले मामले समाने आ रहे हैं। गुरुवार को राजधानी भोपाल से बड़ा मामला सामने आया है, जहां सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत 3 सांसदों और विधायक की अनुशंसा की ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट मुख्यमंत्री निवास तक पहुंची थी। बता दे कि जो फ़र्ज़ी नोटशीट मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री निवास पहुंची उसमे भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, देवास सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी और रायसेन जिले के सिलवानी विधायक रामपाल सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम से ट्रांसफर की सिफारिश की गई थी। जानकारी के अनुसार सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम की अनुशंसा स्टाफ नर्स रानी कुशवाहा स्टाफ का विदिशा से भोपाल ट्रांसफर की अनुशंसा की गई थी। देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के नाम पर के नाम से प्रभारी तहसीलदार वीरेंद्र कुमार पटेल का सीधी से देवास। राजगढ़ सांसद रोडमल नागर के नाम की अनुशंसा पर नायब तहसीलदार तहसील शाहजहांपुर पत्नी शासकीय सेवा में बड़वानी को शाजापुर से बड़वानी। जबकि सिलवानी विधायक रामपाल सिंह के नाम से 27 की अनुशंसा की गई थी।
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भोपाल - भोपाल में शुक्रवार देर रात क्राइम ब्रांच ने मुख्यमंत्री निवास पर पहुंची ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट मामले में घोखाधड़ी की FIR दर्ज कर ली है। इस मामले में एक बात सामने आई कि यह अनुशंसा पत्र न तो किसी विभाग और न ही मंत्री की तरफ से मुख्यमंत्री निवास पर भेजे गए, बल्कि यह सीधे जन प्रतिनिधियों के नाम पर मुख्यमंत्री निवास भेज दिए गए। अब क्राइम ब्रांच में प्रपोजल में ट्रांसफर के लिए भेजे गए सभी 30 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर दिया गया हैं। इसमें उसने भोपाल में क्राइम ब्रांच आकर बताना होगा कि उनका नाम प्रपोज कैसे हुआ। इनके लिखित बयान लेने के बाद ही क्राइम ब्रांच आगे की जांच शुरू करेगी। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में लगातार नेताओं, मंत्रियों के नाम से फर्जीवाड़े करने के चौंकाने वाले मामले समाने आ रहे हैं। गुरुवार को राजधानी भोपाल से बड़ा मामला सामने आया है, जहां सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर समेत 3 सांसदों और विधायक की अनुशंसा की ट्रांसफर की फर्जी नोटशीट मुख्यमंत्री निवास तक पहुंची थी। बता दे कि जो फ़र्ज़ी नोटशीट मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री निवास पहुंची उसमे भोपाल से सांसद साध्वी प्रज्ञा, राजगढ़ सांसद रोडमल नागर, देवास सांसद महेंद्रसिंह सोलंकी और रायसेन जिले के सिलवानी विधायक रामपाल सिंह जैसे बड़े नेताओं के नाम से ट्रांसफर की सिफारिश की गई थी। जानकारी के अनुसार सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के नाम की अनुशंसा स्टाफ नर्स रानी कुशवाहा स्टाफ का विदिशा से भोपाल ट्रांसफर की अनुशंसा की गई थी। देवास सांसद महेंद्र सिंह सोलंकी के नाम पर के नाम से प्रभारी तहसीलदार वीरेंद्र कुमार पटेल का सीधी से देवास। राजगढ़ सांसद रोडमल नागर के नाम की अनुशंसा पर नायब तहसीलदार तहसील शाहजहांपुर पत्नी शासकीय सेवा में बड़वानी को शाजापुर से बड़वानी। जबकि सिलवानी विधायक रामपाल सिंह के नाम से 27 की अनुशंसा की गई थी।
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