बेटियों ने पिता की अर्थी को दिया कांधा, मुक्तिधाम पहुंचकर बेटों का फर्ज निभाया
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पेटलावद – ग्राम सारंगी के वरिष्ठ नागरिक कन्हैयालाल आचार्य जो की पटवारी साहब के नाम से पहचाने जाते थे, 25 अगस्त को दिन में उनका निधन हो गया था, जिनकी अंतिम यात्रा निज निवास से सुबह 9:30 पर निकाली गई। कन्हैयालाल जी पटवारी साहब के बेटियां ही थी बेटा नहीं था जिस पर बेटियों ने ही अपने पिता को कंधा देते हुए अंतिम यात्रा पर विदाई दी और बेटे का फर्ज निभाय। मुक्तिधाम पर पहुंचकर अपने पिता को अंतिम क्रिया की पूजन कर मुखाग्नि दी इस कहावत को चरितार्थ किया कि आज बेटियाँ भी बेटे से कम नही बल्कि बेटे के बराबर है।
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